#Jhabuahulchul
खवासा@आयुष पाटीदार/आनंदीलाल सिसोदिया
खवासा: आदिवासी समाज अब कुरीतियों के खिलाफ जागरूक होकर ठोस कदम उठाने लगा है। खवासा क्षेत्र के ग्रामीणों ने विवाह समारोहों में डीजे, दारु और दहेज जैसी प्रथाओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से मिशन D-3 की शुरुआत की है।
गांव में आयोजित कार्यशाला में आदिवासी समाज सुधार समिति, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों ने मिलकर एक सामूहिक बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से कई अहम निर्णय लिए गए। इन निर्णयों को ग्रामसभा में पेश कर प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय:
1. डीजे और अंग्रेजी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध।
2. विवाह में 80 हजार रुपये और 1 किलो 500 ग्राम चांदी से अधिक दहेज स्वीकार नहीं होगा।
3. किसी भी विवाह समारोह में सिर्फ ढोल-थाली और शहनाई का उपयोग होगा।
4. नाबालिग लड़का-लड़की की शादी पर प्रतिबंध रहेगा।
5. लड़की के भाग जाने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और 50,000 रुपये ग्राम थला को देना होगा।
6. शादी समारोहों में पारंपरिक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं।
सामाजिक जुर्माने और परंपराओं के मानक:
भाजगड़ी: ₹5000
लेन-देन: ₹80,000
तड़वी: ₹700
कोटवार: ₹500
भराड़ी: ₹700
कुम्हार: ₹1000
फेरा: ₹1000
समाज ने दिखाया बदलाव का रास्ता:
इस बैठक में ग्रामीणों ने न केवल कुरीतियों को खत्म करने का संकल्प लिया, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का भी संदेश दिया। बैठक में पंचायत के उपसरपंच, तड़वी, कोटवार, पैसा एक्ट के अध्यक्ष और गांव के सभी प्रमुख नागरिक मौजूद रहे।
“हमारी संस्कृति में ढोल-थाली और शहनाई के सुरों का महत्व है। मिशन D-3 से न केवल हमारी परंपराएं मजबूत होंगी, बल्कि नई पीढ़ी को भी सही दिशा मिलेगी।” – एक ग्रामवासी।
समाज सुधार की ओर यह कदम बदलाव की एक नई मिसाल पेश कर रहा है।