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खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया/आयुष पाटीदार
खवासा शासकीय बालक छात्रावास में कार्यरत सफाईकर्मी धनसिंह बसोड़ पिछले दो वर्षों से वेतन के लिए भटक रहे हैं। वेतन न मिलने के कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति गंभीर हो गई है, और परिवार को खाने तक के लाले पड़ रहे हैं।
धनसिंह बसोड़ ने बताया कि वे वर्ष 1987 से छात्रावास में शौचालय और अन्य साफ-सफाई का काम कर रहे हैं। उन्होंने कई बार छात्रावास के प्रभारी योगेश मोदी को अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन उन्हें सिर्फ उपेक्षा और असमर्थता का जवाब मिला। प्रभारी ने कहा, “मुझे तुम्हारे मामले के बारे में कुछ पता नहीं।”
धनसिंह ने बताया कि उन्हें यह भी नहीं पता कि अपनी शिकायत किसे और कैसे करनी चाहिए। अब वे अपनी समस्या को लेकर कलेक्टर से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी व्यथा सुनी जाए और जल्द से जल्द उनका वेतन जारी किया जाए।
यह मामला न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि इस सवाल को भी खड़ा करता है कि सफाईकर्मी जैसे कर्मठ कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार क्यों किया जा रहा है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।