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पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझे क्या ‘सब्जी वाला है मैं’,, मुझसे है बाजार की रोनक,,,स्थानीय व्यापारी और सब्जी व्यापारी के बीच कठपुतली बनी ग्राम पंचायत..!

#Jhabuahulchul 

बामनिया@जितेंद्र बैरागी

पुरानी कहावत है सुविधा के साथ दुविधा,,।

यह कहावत बामनिया इन दिनों में मुख्य चौराहे को दर्शाती है। सुविधा यह है कि मुख्य चौराहे से लेकर नारेला रोड तक ना कोई ठेला गाड़ी ना कोई वाहनों का जाम। सब्जी मंडी स्थानांतरण से लोगों को जाम की परेशानी से निजात मिली।

यह हुई दुविधा,,।

मुख्य चौराहे से सब्जी मंडी को और हाथ ठेला गाड़ी वाले के जाने से बाजार वीरान सा लगने लगा। जैसे बाजार की रौनक ही चली गई हो। सब्जी मंडी स्थान परिवर्तन निर्णय के बाद स्थानीय व्यापारियों को अपने व्यापार में एक बड़ा फर्क नजर आ रहा है। व्यापारियों का कहना है,आने वाले समय में व्यापार को काफी हद तक प्रभावित कर देगा। हाथ ठेला गाड़ी और सब्जी मंडी मुख्य चौराहे पर लगने से चहल पहले छुटपुट ग्राहक चलती ही रहती थी। मुख्य चौराहे पर लोगों को आना-जाना भी कम होने लगा है। यहां तक की हाट बाजार के दिन भी कोई रौनक नहीं रहती। इसलिए स्थानीय व्यापारियों ने एकजुट होकर सब्जी मंडी को या शनिवार हाट बाजार को पूर्व स्थान पर लगने की मांग की है। इस स्थानीय व्यापारियों की इस मांग पर पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष संदीप मंडोत ने समर्थन जताते हुए जनहितैषी मुद्दा बताया।

सब्जी मंडी स्थानांतरण का यह मुख्य कारण।

कुछ महीने पूर्व सब्जी मंडी को पशु चिकित्सा परिसर में शिफ्ट किया गया। इसके पूर्व मुख्य चौराहे से लेकर नारेला रोड पर सब्जी व्यापारी एवं हाथ ठेला गाड़ीवाले अपना व्यवसाय चला रहे थे। परंतु अस्त व्यस्त हाथ ठेला गाड़ी वालों से रोड पर दिन में कई बार जाम लगने की परेशानी उत्पन्न हो रही थी। जिसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को कई दिनों तक अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाने की बात से लेकर कई भले बुरे कमेंट देखने को मिले थे। इसके पश्चात सब्जी मंडी स्थान परिवर्तन का ताबड़-तोड़ निर्णय लिया गया।

विवाद में जेल से लेकर चौकी प्रभारी के तबादला तक।

सब्जी मंडी को नवीन स्थान पर शिफ्ट करने में ग्राम पंचायत के पसीने छूट गए। यहां तक की कई बार कहने के बाद नहीं मानने वाले सब्जी व्यापारियों की ठेला गाड़ी ,काटी बाट ग्राम पंचायत परिसर में ले जाने की नौबत भी आई। विवाद इतना भी बड़ा की उप सरपंच के साथ हाथापाई भी हुई। हालांकि हाथापाई करने वाले आरोपी पर सख्त कार्रवाई हुई है। इसी विवाद में पूर्व चोकी प्रभारी रुक्मणी अहिरवार और हेड कांस्टेबल गोयल पंचायत और सब्जी व्यापारियों के बीच विवाद को ही तबादला का कारण कहा जाता है।

सब्जी व्यापारी का चौराहे से हुआ मोहभंग।

जहा सब्जी व्यापारियों और हाथ ठेला गाड़ी वालों को ग्राम पंचायत ने बड़ी शक्ति के साथ नवीन स्थान पर ले जाया गया था। कुछ लोगों के नहीं मानने पर ग्राम पंचायत के द्वारा पुलिस का भी सहारा लेकर मुहिम चलाते हुए शिफ्ट किया था। परंतु अब बिल्कुल उल्टा देखा जा सकता है।जिनको जबरदस्ती शिफ्ट किया गया था। वही अब स्थानीय व्यापारियों की मांग हाट बाजार को पुनः पुर्व स्थान पर किया जाए। इस स्थानीय व्यापारियों की मांग पर सब्जी व्यापारियों ने ग्राम पंचायत में सरपंच राम कन्या मखोड को लिखित में आवेदन देते हुए। चौराहे पर जाम की समस्या का हवाला देते हुए। नवीन स्थान पर ही अपना व्यवसाय चलाने की मांग की।

बामनिया सरपंच रामकन्या मखोड ने बताया बीते कुछ वर्षों से ग्राम पंचायत हाट की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने एवं नगरवासियों को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए प्रयासरत रही है । और इसी कड़ी में ग्राम पंचायत ने बीते कुछ महीनों से हाट एवं फल सब्जी व्यवसायियों की नई व्यवस्था बनाई जो लगभग सफल भी हो रही है । इसी व्यवस्था को ध्यान में रख ग्राम पंचायत ने नारेला रोड रहवासी एवं दुकानदारों के बीच शुक्रवार को एक लिखित सर्वे करवाया जिसमें अधिकतर लोगों का यही कहना है कि नई व्यवस्था बहुत अच्छी चल रही है और यही व्यवस्था यथावत जारी रहना चाहिए।वहीं हाट व्यवसायी भी यही कह रहे है कि हम नई व्यवस्था से खुश है।

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