#Jhabuahulchul
झाबुआ@आयुष पाटीदार
झाबुआ जिले में पटाखा विक्रेताओं के लिए नियमों में असमानता और प्रशासनिक लापरवाही से लोग नाराज हैं। जिले की दो तहसीलों में भिन्न-भिन्न नियमों ने व्यापारियों और स्थानीय निवासियों को असमंजस में डाल दिया है। मेंघनगर में प्रशासन ने टेंट लगाकर पटाखे बेचने की अनुमति दी है, जबकि थांदला में लाइसेंस के लिए पतरे का शेड होना अनिवार्य कर दिया गया है। इस दोहरी नीति से जहां थांदला के व्यापारी अधिक लागत और समय का बोझ झेल रहे हैं, वहीं मेंघनगर के व्यापारी कम खर्चे में पटाखे बेचने में सक्षम हैं।
प्रशासन की इस ढील की वजह से मेंघनगर में सुरक्षा नियमों की अनदेखी हो रही है। नियमों के मुताबिक, पटाखा दुकानों के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन मेंघनगर में दुकानें पास-पास लगाई जा रही हैं। इससे आग जैसी गंभीर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। स्थानीय नागरिक और व्यापारी चिंता जता रहे हैं कि प्रशासन इस लापरवाही से किस बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। वहीं, जिले के छोटे-छोटे गांवों में सख्ती से नियमों का पालन करवाया जा रहा है, जो मेंघनगर और थांदला के हालात पर सवाल खड़े करता है।
इस मामले में जनता का कहना है कि प्रशासन को समान नियम लागू कर सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। व्यापारिक संगठनों और निवासियों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि वह इस मामले पर गंभीरता से विचार करे और नियमों का उचित और समान पालन करवाए।