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बामनिया@जितेंद्र बैरागी
बामनिया मुख्य चौराहे पर सोमवार शाम के वक्त बामनिया के उपसरपंच पर मुख्य चौराहे पर दुकान लगाने से जाम के चलते दुकान न लगाने देने की बात को लेकर फल विक्रेता परिवार ने जानलेवा हमला किया था। दोनों पक्षों ने अपने-अपने स्तर से पेटलावद टीआई के सक्षम आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई की मांग की थी।
इस दरमियान भले ही बामनिया के उप सरपंच चुप बैठकर कार्रवाई का इंतजार कर रहें।
परंतु बामनिया के रहवासि व्यापारी संगठन ,का सोशल मीडिया पर खासा आक्रोश दर्ज कर रहे। सोशल मीडिया पर घटना को लेकर कह रहे हैं कि जो घटना पूरे जिले में सुर्खियों बन गई। फिर भी जिले के बड़े दिग्गज नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिलीं। जब इतने सालों से गुड्डू भाई भारतीय जनता पार्टी के लिए अनुशासन के साथ पार्टी का चुनाव हो या कोई धार्मिक आयोजन या किसी बड़े नेता का दौरा हो, अपनी भूमिका निभाते हुए मिली जिम्मेदारी पूर्ण करते हैं। उस नेता की सत्य की लड़ाई में विकट स्थिति में आश्चर्य की बात है। कोई भाजपा नेता साथ नहीं खड़ा है।
लोगों के मन में भाजपा को लेकर यह उठा सवाल।
इन दिनों सोशल मीडिया पर बातें हो रही है कि। जब भारतीय जनता पार्टी के मजबूत कार्यकर्ता जो ग्राम पंचायत के उप सरपंच के रूप में नगर की जाम की व्यवस्था को पूरी पंचायत बॉडी के साथ निर्णय लेकर जाम से निजात दिलाई। पंचायत के इस निर्णय कुछ फल विक्रेता के गले के निचे शुरू से नहीं उतरा। कई विवादों के बाद आमने-सामने की फिराक में घूम रहे थे। उपसरपंच के साथ हुई मार कूट की घटना के बाद छोटे झंडा उठाने वाले कार्यकर्ता सोचने को मजबूर हो गए। नगर हित की लड़ाई लड़ने वाले के लिए जिले के दिग्गज नेताओं ने चुप्पी साध रखी ओर कोई प्रतिक्रिया नहीं दि। बड़े चाव ओर चटकारें से विरोधी बात रहे। ऐसी स्थिति हमारी बनती तो हमारे साथ कौन पार्टी का नेता आकर खड़ा होगा।