बिरसा मुंडा अमर रहे के नारों से गूंजा खवासा,,,धरती आबा क्रांतिकारी जननायक भगवान बिरसा मुंडा कि प्रतिमा का ऐतिहासिक अनावरण…।

#Jhabuahulchul
खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया/आयुष पाटीदार
15 नवंबर शनिवार को खवासा में धरती आबा,आदिवासी क्रांतिकारी,जननायक,भगवान बिरसा मुंडा कि 150 वी जयंती के अवसर पर बामनिया रोड स्थित उप तहसील कार्यालय के समीप प्रतिमा का ऐतिहासिक अनावरण किया गया। इसके पहले मंडी प्रांगण में सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम कि शुरुआत
कार्यक्रम कि शुरुआत सभा में उपस्थित वक्ताओं द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर,आदिवासी क्रांतिकारी जननायक टंट्या भील,बिरसा मुंडा,राणा पुंजा भील आदि महापुरुषों कि प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत संबोधन किया गया। मध्यप्रदेश के आसपास जिलों सहित गुजरात,राजस्थान,महाराष्ट्र आदि से आए वक्ताओं ने बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष पर अपना वक्तव्य देते हुए अंग्रेजों द्वारा कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन से बेदखल करने से जिससे विचलित होकर बिरसा का “आदिवासी विद्रोह उलगुलान आंदोलन” “अबुआ दिशूम-अबुआ राज”व आदिवासी के पुनरुत्थान के लिए किए गए कार्यों,और उनके द्वारा ब्रिटिश राज के दौरान किए गए आंदोलनों में उनके द्वारा किए गए नेतृत्व का बखान कर उनके बलिदान को याद किया। व आदिवासी समाज कि शैक्षणिक, सामाजिक,राजनीतिक व आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का संकल्प लिया।

सोशल मीडिया का सदुपयोग-
वहीं नारी शक्तियों ने भी सभा को संबोधित किया।सभा को संबोधित करते हुए समाज कि लड़कियों को सोशल मीडिया पर रिलस,विडियो न बनाकर समाज में फैली कुरुतियों व समाज में शैक्षणिक गतिविधियों पर कार्य करने कि बात कही।
नशा मुक्त समाज बनाने की अपील-
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने नशे से समाज में होने वाले दुष्प्रभाव के कारण युवाओं को नशा मुक्त समाज बनाने कि अपील करते हुए नशे से दूर बनाने की।
अनावरण एवं समापन-
सभा समापन के पश्चात् पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल मांदल के साथ रैली के रुप में प्रतिमा स्थल पहुंचे। रैली में बिरसा मुंडा अमर रहे,जय जोहार जैसे नारों से पुरा नगर गुंजायमान हो गया।प्रतिमा स्थल पहुंचने पर आदिवासी परंपरा पुजा पद्धति के अनुसार पुजा अर्चना कर समाज वरिष्ठों के हाथों से मूर्ति का अनावरण किया गया। व तत्पश्चात माल्यार्पण अर्पित कर कार्यक्रम का समापन हुआ।





